जब एक “महिला डॉक्टर” स्कूटी से जा रही थी और उसकी स्कूटी खराब हो गई कुछ जिहादी ने स्कूटी ठीक करने के बहाने उसके साथ बेरहमी से दुष्कर्म किया और उसको मार दिया। पूरे देश में गुस्सा फैल गया, दरिंदो की बुराई देखकर पुलिस भी उठ खड़ी हुई, पुलिस ने सभी शैतान लोगों को गिरफ्तार कर लिया और जब वे भागने लगे तो सभी का एनकाउंटर कर दिया। तब लोगों ने उन पुलिसकर्मियों की जय-जयकार की, उन पर फूल बरसाये, जगह-जगह उनका सम्मान किया। अब उन्हीं पुलिसकर्मियों को दोषी ठहराया गया है सभी को जेल भेज दिया गया है और उनका भविष्य समाप्त हो गया है, लेकिन उनके पक्ष में एक आवाज नहीं उठी क्योंकि आरोपी जिहादी कीड़ों के साथ उनका एक पूरा इको सिस्टम होता है। उन पुलिस वालों ने किसी व्यक्तिगत हत्या या फायदे के लिए एनकाउंटर नहीं किया।। उन बुरे लोगों की बुराई और दुष्टता देखकर ही न्याय किया गया था, जो बिल्कुल सही था। आश्चर्य की बात है कि इस पर पूरा देश खामोश है। उन पुलिसवालों को कहीं से कोई सहयोग नहीं मिल रहा है। शायद समाज की इसी प्रवृत्ति के कारण अच्छे लोग निराश होकर चुप बैठ जाते हैं। जो चल रहा है, जैसा चल रहा है, सोच कर जाने दो आरोपी का इको सिस्टम बहुत मजबूत हे, हम दो दिन में सब भूल जाते हैं, ये उन्हें भी पता है!!
दोस्तों अगर आप इन बहादुर पुलिसकर्मियों के समर्थन में आवाज नहीं उठाएंगे तो कल संकट के समय आपको, आपकी बहनों और बेटियों को बचाने कोई सिंघम नहीं आएगा। यह एकजुटता दिखाने का समय है। मुठभेड़ असली थी और दुष्कर्म वाले, हत्यारे भी असली थे। यह संदेश हर जगह, हर ग्रुप में भेजें जिससे देश में उन पुलिस कर्मियों के हित में सकारात्मक वातावरण बने।।