इस वर्ष रामनवमी और हनुमान जयंती का त्योहार विगत वर्षों की तुलना में शांतिपूर्ण रहा। पिछले वर्षों की तरह इस बार रामनवमी और हनुमान जयंती के दौरान झांकियों एवं भक्तों पर पथराव अथवा हमले नहीं किए गए। केवल कुछ स्थानों पर छिटपुट घटनाएँ घटीं।
ऐसा प्रतीत होता है कि इस बार असामाजिक और हिंदू विरोधी समूहों ने उपद्रव न करने का एवं सामाजिक दायरे में रहने का निर्श्चय किया। वह शायद चिंतित थे कि यदि वे ऐसा करते हैं, तो इससे हिंदू अधिक एकजुट हो सकते हैं और भारतिय जनता पार्टी का समर्थन कर के उन्हें फिर से सत्ता में ला सकते हैं।