अंतिम खड़े बुतपरस्त झुक नहीं रहे हैं!
१९५० में, २४ अफ्रीकी देशों में बुतपरस्ती बहुसंख्यक धर्म था। आज, अफ़्रीका में एक भी देश बुतपरस्त बहुसंख्यक नहीं है। बुतपरस्ती को समाप्त करने के लिए इस्लाम और ईसाई धर्म ने हाथ मिलाया और जहाँ जहाँ बुतपरस्ती समाप्त होता गया उन जीते हुए देशों को आपस में बाँट लिया। आज, सभी अफ़्रीकी देशों पर इन दो संप्रदायों में से एक का शासन है।
इसी आलोक में हमें भारत में इस्लामवादी-इंजीलवादी-धर्मनिरपेक्षतावादी गठबंधन द्वारा हिंदू धर्म और हिंदुओं पर लगातार हो रहे हमलों को समझना चाहिए। भारत अंतिम देश है जहां बुतपरस्ती या मूर्तिपुजा शेष है। यह समझना कठिन नहीं की यह लोग भारत और हिन्दुओं को केंद्रित कर आक्रमण क्यों करतें है।